लोबिया की खेती भारत में दाने, हरी सब्जी, हरे चारे और हरी खाद के लिए की जाती है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश में लोबिया के दानों (साबुत) को दाल व पूरी फलियों को सब्जी बनाने के काम में लाते हैं। लोबिया को ज्वार, बाजरा या मक्का के साथ मिलाकर चारे के लिए भी बोते हैं, जिससे यह पौष्टिक हो जाता है। इसको सूखा चारा (hay) तथा साइलेज बनाने में भी प्रयोग में लाते हैं। इसके दानों में मिथियोनिन नामक अमीनो अम्ल की मात्रा अन्य दलहनों की अपेक्षा अधिक होती है, जिसके कारण प्रोटीन मान अन्य दलहनों से अधिक होता है। कुल प्रोटीन का 1.9% मिथियोनिन होता है। प्रोटीन दानों में 23.4% कार्बोहाइड्रेट 60.3% व वसा 1.8% होता है। हरी फलियों में प्रोटीन 43% कार्बोहाइड्रेट 80% वसा 0.2% तथा खनिज 0.9% तक होते हैं।
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