जो बीत गया, क्या वह ख़त्म हो जाता है

जो बीत गया, क्या वह ख़त्म हो जाता है ?" लङकी ने उससे पूछा । पर वह सुन नहीं रहा था। वह सङक पर भाग गाडियों के बीच किसी और के बारे में सोच रहा था। लङकी फिर से पूछने गई, पर उसे अचानक हँसी आने लगी।

"क्यों हँस रही हो?" लङके ने पूछा।

'असल में कुछ भी ख़त्म नहीं होता, सारा बीता हुआ किसी एक के पास रह जाता है। जैसे किसी के मरने पर वह आजाद हो जाता है, पर जो बचा रह गया, वह दोनों का जिया हुआ ढो रहा होता है।" यह कहते ही वह हँसने लगी ।

"मैं समझा नहीं!" लङका आश्चर्य से देख रहा था।

"तुम नहीं समझोगे, क्योंकि तुम बहुत पहले मर चुके हो। " यह कहते ही लङकी मुस्कुराती हुई कैफ़े का दरवाज़ा खोलकर चली गई।

TRUST

अगर कोई तुम पर आंख बंद करके भरोसा करता है, तो उस भरोसे के काबिल बने रहने की कोसिस करना..! क्युकी ये तुम्हारे हाथ में है

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