2022 का आखरी ग्रहण

 खगोलीय घटनाओं के दृष्टिकोण से एक दिसंबर, गुरुवार खास होगा। इस रात चंद्रमा अपने पथ पर चक्कर लगाते हुए पृथ्वी के सबसे करीब रहेगा। इससे यह आकार 14 प्रतिशत आकार में बड़ा और 30 प्रतिशत अधिक चमकदार दिखेगा। समुद्र में ज्वार भी आ सकता है।

जवाहर तारामंडल के निदेशक डा. बाई रविकिरण के अनुसार चंद्रमा अपने परिपथ का एक चक्कर 27 दिन में पूरा करता है। पृथ्वी दीर्घवृत्ताकार है, इसलिए वे ऐसे मौके आते हैं जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब और सबसे दूर हो जाता है। निकट होने पर पृथ्वी से उसकी दूरी 3,57,264 किलोमीटर और दूर होने पर 3,84,400 किलोमीटर हो जाती है। खगोल विज्ञान की भाषा में चंद्रमा के निकट होने की स्थिति को 'पेरीगी' और दूर की स्थिति को 'एपोगी' कहते हैं।

इसी माह 22 दिसंबर से सूर्य दिखने को अवधि बढ़ जाएगी। इससे दिन बड़े और रात छोटी होनी लगेगी। अभी रात बड़ी हो रही है। बड़ा दिन यानी 25 होने लगता है।

दिसंबर को क्रिसमस से दिन बड़ा होने की धारणा हमारे यहां रहती है। वस्तुतः ऐसा होता नहीं। दिन 22 दिसंबर से ही भौगोलिक के अनुसार चंद्रमा के निकट ही हो जाएगा।

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