हम जब बहुत ही उदास होते है तो हमे सबसे पहले माँ की याद आती है, माँ वो शब्द है। जो हमारे चेहरा खिल उठता है, और हमें कोई भी परेशानी सहने की ताकत मिल जाती है। माँ वह शब्द है जब हम छोटे बच्चे थे तो खेल कर या स्कूल से जब भी घर आते थे तो पहला शब्द माँ निकलता था, और सबसे पहले माँ को खोजते थे, अगर माँ थोड़ी देर के लिए न मिले तो हम इतने रोते थे कि सब कुछ माँ है। और जब भी माँ दिखाई देती थी तो हम बहुत खुश होते थे।
और वो बहुत प्यार से समझती है, बहुत प्यार करती है, हम बचपन के कोई गलती भी करते थे तो हमे चप्पलो से मरती भी थी और उसके बाद प्यार से खाना भी देती थी। हम किसी भी प्रकार से तकलीफ में हो तो वो सबसे पहले समझती थी, और बहुत ही प्यार से ख्याल रखती है।
कहते है, न अगर हर माँ को अपने बेटे की तकदीर लिखने का मौका मिले तो उसके बेटे के तकदीर में कोई भी परेशानी उदासी कभी न रहे। एक माँ अपने बच्चे को कभी तकलीफ में नही देख सकती उसका बच्चा कैसा भी हो क्योंकि 9 महीने वो अपने कोख में पलती है उसको
मै माँ से कुछ नही कहता
उसको सब पता रहता है
माँ मुझे अपने आप से दूर मत कर
की में कभी तुम्हरे पास लौट कर न आ सकू
माँ तुझसा इस दुनिया मे कोई भी नही है, तुझसा न कभी कोई होगा।
माँ मुझे आने गोद मे सुला ले
इस दुनिया मे कोई तुझसा प्यार करने वाला नही। माँ
लेखक अभिषेक ✍🏻

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