श्री सुहेलदेव राजभर जी महराज

क्षत्रिय राजपूत संगठन भारतवर्ष के तत्वावधान में श्रावस्ती बहराइच के सूर्यवंशी भारशिव क्षत्रिय नरेश  चक्रवर्ती सम्राट  श्री सुहेलदेव राजभर जी महराज जोकि  सत्य सनातन हिंदू धर्म संस्कृति के रक्षक तथा 11वीं शताब्दी के राष्ट्र नायक की  जन्म जयंती समारोह एवं नमन कार्यक्रम चित्तौड़ा झील स्थित उनके मंदिर पर 26जनवरी 2023 को आयोजित कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए इकौना तहसील के ग्राम वीरपुर में एक बैठक आयोजित की गई जिसमें  हिंदू भाई एवं बहनों से अधिक से अधिक संख्या में चलने का आह्वान किया गया बैठक को संबोधित करते हुए संगठन के राष्ट्रीय प्रमुख राणा विजय भारशिव क्षत्रिय सूर्यवंशी जी ने कहा कि भारशिव क्षत्रिय भर /राजभर समाज में पैदा हुए इन महान राष्ट्र नायक के इतिहास के साथ तथाकथित कुछ जातियों के द्वारा छेड़छाड़ किया जा रहा है इस बहादुर और स्वाभिमानी जाति के साथ भेदभाव कर इतिहास मिटाने का कुत्सित प्रयास किया किया जा रहा है जो हमें हर्गिज बर्दाश्त नहीं है। विगत वर्ष चित्तौड़ा बहराइच में  भारत सरकार के परम् यशश्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र भाई मोदी जी एवं उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज के  द्वारा हमारे संगठन के मांग पर   16 फरवरी 2021उनकी अश्वारोही मूर्ति स्थापना के लिए शिलान्यास किया गया लेकिन  श्री श्री सुहेल देव जी के नाम के साथ उनकी राजभर टाइटल नहीं जोड़ी गई जबकि लखनऊ में श्री राजनाथ सिंह काका जी  23मई 1999 में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा लगाई गई। प्रतिमा पर स्पष्ट रूप से चक्रवर्ती सम्राट महाराजा श्रीं सुहेल देव राजभर क्षत्रिय  लिखा हुआ है। और बहराइच गजेटियर पेज संख्या 119 "द भर चेप्टर "पर दर्ज है। एवं अन्य सभी सरकारी अभिलेखों सहित मुस्लिम ग्रन्थों जिसमें मिरात ई मसूदी ,अलमाईनी, आईने अकबरी, तथा मिनाजे सिराज की तवाक ई नासरीन  में उन्हें भर क्षत्रिय / भर राजपूत महाराजा के रूप में प्रमाणिक तौर पर लिखा गया और 10 जून 1034 को अफगानी इस्लामिक जेहादी अक्रांता महमूद सैयद सलार गाजी मियां को उसकी 1,20000 एक लाख बीस हजार सेना सहित बंध किए जाने और श्री राम जन्मभूमि अयोध्या तथा हिंदू धर्म संस्कृति की रक्षा किए जाने का विस्तार जिक्र किया गया है इसलिए संगठन मांग करता है की हमारे महाराजा जी के नाम के साथ राजभर टाइटल जोड़ी जाए और श्रावस्ती में जो महाराजा जी के जन्म स्थान को अशोका पुर के रूप में जाना जाता है यहां पर भी  हिंदू विजय के प्रतीक के रूप में उनकी एक भव्य अश्वारोही  प्रतिमा लगाई जाय तथा श्रावस्ती हवाई अड्डे का नामकरण चक्रवर्ती सम्राट श्री सुहेलदेव राजभर जी के नाम से किया जाए और भारशिव क्षत्रिय भर राजभर को सवर्ण आरक्षण  दिया जाए जो कि 1993 तक  ये सरकारी अभिलेखों में  सवर्ण क्षत्रिय राजपूत के रूप में दर्ज है और पंजाब की वर्तमान सरकार ने इन्हें आरक्षण लागू करते हुए हाल में ही ईडब्ल्यूएस का जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया,,, बैठक की अध्यक्षता संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री मोलहू राम राजभर जी पूर्व जिला चेयरमैन श्रावस्ती एवं वर्तमान जिला पंचायत सदस्य एवं संचालन ग्राम प्रधान श्री राजकिशोर राजभर जी ने किया, कार्यक्रम में श्री रामायण राजभर जिलाध्यक्ष ,श्री परशुराम राजभर जी जिला प्रभारी सहित सैकड़ों लोग मौजूद  रहे। और जय भारशिव,जय सुहेल देव राजभर जी का जयघोष किए।

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