परिचय
पपीते की खेती सबसे ज्यादा गर्म नमी में की जाती है, और सबसे अच्छी खेती मानी गयी है।
इसमे 30℃ - 40℃ तक उगाया जा सकता है, 5℃ से कम तापमान में हो। लू और पाले से बचाने के लिए खेत के उत्तरी - पश्चिमी में हवा रोधक वृक्ष लगा देना चाहिए।
खेत की तेयारी
जमीन उपजाऊ हो जल निकास आसानी से हो जाये। पानी भरने वाले खेत मे पपीते की खेती न करे,
अधिक गहरी मिट्टी में भी पपीता की खेती न करे।
पौधे की किस्मे
पूसा मेजस्टी, पूसा जाइंट, पूसा ड्रॉफी, पूसा नन्हा, रेड लेडी 786, सेंटा।
पौधा लगाने का समय व तरीका
पपीता का पौधा पहले रोपणी में तैयार किया जाता है, पौधे को बेंड बना कर बोये। पपीते के पौधे को जून - जुलाई में बिना चाहिए।
खाद
250 ग्राम नत्रजन, 250 ग्राम स्कूट व 500 ग्राम पोटाश की आवश्कता होती है। 2 माह के अंतर खाद व उर्वरक देना चाहिए।
लगने वाले किट
1. लाल मकड़ी किट
2. माहू किट
आर्द्रगलन किट - फुंगुस द्वारा होता है, इस रोग में पौधों की जड़ें गल जाती है। इस लोग से बचने के लिए पौधों को भली भांति उपचार करना चाहिए।
फलो को तोड़ना
8 - 10 माह में बाद हल्के पीले होने पर फलो को तोड़ लेना चाहिए।
एरिया
1 पौधे से 80 - 90 kg तक प्राप्त होता है, प्रति एकड़ में 80 - 90 टन फल प्राप्त किया जाता है।



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