गुल्ली क्रिकेट
हमारा जो बचपन जा मैच था
वो 8 ईटो का था,
हमारे मैच में पहला बॉल try का होता था, उसके बाद 4 vs 4 लोगो की टीम होती है।
उसके बाद कोई लड़का बच जाता है, तो तो उसको कामन के रुप मे रखा जाता है, जो टीम का कामन होता है वो लास्ट में दोनों टीमो में खेलता है।
क्रिकेट के रूल्स
जो बाउंडरी के बाहर मरेगा वो खुद बॉल लेने जाएगा।
उसके बाद जिस टीम की बाइटिंग होगी, वो अम्परिंग करेगा।
अगर दीवार पर सीधा लगा तो 6 रन दिया जाएगा।
और जो लास्ट में बैट्समैन बचेगा वो लास्ट सिंगल बैटिंग कर सकता है।
अगर जो बीच मे मैच छोड़ कर भागेगा उसको कल से नही खिलाया जाएगा।
अगर जो बॉल को बाहर मरेगा वो खुद उठा कर लाएगा।
अगर बाहर बॉल मारने के बाद बॉल खो जाती है, तो वो दूसरे दिन नया बॉल खरीद कर देगा।
ओर जो छोटे बच्चे होंगे वो फील्डिंग करेंगे उनको लास्ट में बैटिंग मिलेगी।
अगर मैच खेलने में अंधेरा हो जाता है तो बॉल को स्लो फेका जाएगा।
अगर लगा तार 3 वाइट् बॉल होने पर वो ओवर केंसिल हो जाएगी।
जो मैच जीतेगा वो अगली बार पहले बैटिंग करेगा।
अगर कीपर आगे से बॉल पकड़ेगा तो आउट नही दिया जाएगा उसको नो बॉल दिया जाएगा।
अगर 3 बॉल खेलने के बाद रन नही बना तो बैटिंग ले लिया जाएगा।
और मैच में अगर अम्पायर की बात नही मानी तो, जो देख रहा है उसकी बात माननी पड़ेगी।
और फिर बैट्समैन को चुप चाप बात माननी पड़ेगी।
उसके बाद अगर किसी के घर से बुलावा आता है तो जा सकता है, उसकी बैटिंग नही कटेगी।
और जिसका बैट होगा ओपनिंग वही करेगा, फिर कुछ भी हो।
फिर अगर कोई आउट होता है तो अम्पायर को कसम खाना पड़ेगा फिर फैसला लिया जाएगा।
Writer Abhi...



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